कतरा कतरा आंसू - Katra Katra Aansoo
कतरा कतरा आंसू बहेते रहे,
और हम उन्हे सूखा ना पाए,
इस से बड़ी वफ़ा की मिशाल क्या होगी,
वो रोए हमसे लिपटकर किसी और के लिए,
और हम मना भी ना कर पाए.......
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जान से भी ज़्यादा उन्हे प्यार किया करते थे,
याद उन्हे दिन रात किया करते थे,
अब उन राहो से गुज़रा नही जाता,
जहां बैठ कर उनका इंतेज़ार किया करते थे.!
1 comment:
vha bhut khub. jari rhe.
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