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Wednesday, September 19, 2007

जब कभी तेरी याद आती है

जब कभी तेरी याद आती है
चांदनी में नहा के आती है।
भीग जाते हैं आँख में सपने
शब में शबनम बहा के आती है।


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चलो कुछ देर साथ साथ रहा जाए,
चुप रहकर एकसाथ ये दर्द सहा जाए
कैसी कैसी उँच-नीच इस मन के साथ हुआ करती है,
एक दूजे के मन पर चलो मरहम आज लगाया जाए



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