कहते हैं..
शादी की गाँठ तो आसमान में ही बाँध जाती है..
इंसान तो सिर्फ़ पेटीकोत सलवार ब्रा की गाँठे खोलने के लिए ही ज़मीन पर भेजा जाता है !!!
शादी की गाँठ तो आसमान में ही बाँध जाती है..
इंसान तो सिर्फ़ पेटीकोत सलवार ब्रा की गाँठे खोलने के लिए ही ज़मीन पर भेजा जाता है !!!