सुहागरात के दिन पत्नी अपने भारी भरकम वस्त्रों को निकाल कर फ़ेंक रही थी और हलके वस्त्र धारण कर रही थी !
तभी पति महोदय की एंट्री हुई और उन्होंने कपड़ों के ढेर को देखा !
पत्नी ने पति की तरफ तिरछी नजरों से देखते हुए कहा :- पता है न क्या करना है ? . . . . . . . पति ( बाहर भागते हुए ) :- ऐसी कि तैसी, मैं इतनी रात में कपडे कभी नहीं धोऊंगा ! बस ! !!