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Sunday, December 30, 2007

भूले ही नहीं...

भूले ही नहीं आपको तो याद करें कैसे

ख्वाबों के नशेमन को यूँ बर्बाद करें कैसे
अक्सर तो ख़यालों में मिला करते हैं तुमसे
मिलकर भी जुदा रहने की फ़रियाद करें कैसे
ये दर्द की सौगाते तो नेमत हैं खुदा की
इस दर्द से दिल को कोई आज़ाद करें कैसे
नाशाद जो हुआ है सनम तुमसे बिछड़के
कुछ ये तो कहो दिल का जहाँ शाद करें कैसे
ए 'रूह' ख़ुद ही डू बे हैं हम ग़म के भंवर में
उनकी उदास रातों को आबाद करें कैसे

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