जब भौंरे ने आकर पहले पहले गाया
कली मौन थी। नहीं जानती थी वह भाषा
इस दुनिया की, कैसी होती है अभिलाषा
इस से भी अनजान पड़ी थी। तो भी आया
जीवन का यह अतिथि, ज्ञान का सहज सलोना
शिशु, जिस को दुनिया में प्यार कहा जाता है,
स्वाभिमान-मानवता का पाया जाता है
जिस से नाता। उस में कुछ ऐसा है टोना
जिस से यह सारी दुनिया फिर राई रत्ती
और दिखाई देने लगती है। क्या जाने
कौन राग छाती से लगता है अकुलाने,
इंद्रधनुष सी लहराती है पत्ती पत्ती।
बिना बुलाए जो आता है प्यार वही है।
प्राणों की धारा उस में चुपचाप बही है।
Wednesday, February 06, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Popular Posts
-
तीन गांडू एक दूसरे की गान्ड मार रहे थे,अचानक पुलिस का छापा पड़ गया , एक को पुलिस पकड़ कर ले गयी, दूसरा भाग गया और तीसरा यह चुटकुला पढ़ रहा ह...
-
एक कर्मचारी ने देखा कि उसका बॉस कार के अंदर एक लड़की का गेम बजा रहा है। कर्मचारी —” वाह सर…अकेले अकेले…..हमारा नंबर कब आएगा ?? “ बॉस —” इस ...
-
Suhagraat ko pati patni se bolta hai Ijaajat hai? Bibi:- Hai ji. Pati poori raat kaam lagata hai. Bibi Bimar ho jati hai. Pati bibi...
-
एग्ज़ॅम और सुहाग रात के बाद कामन डाइलॉग- कैसा हुआ.? अच्छा हुआ, थोड़ा बड़ा था थोड़ा छूट गया, आता था पर ठीक से कर नही पया. फिर भी जैसा हुआ ...
-
रमेश: सुना है लाॅक डाउन में घरेलू हिंसा के मामले ..... काफी बढ़ गये है, तुम्हारे यहां क्या हाल है? सुरेश: हम तो टाइम से बर्तन, झाड़ू, प...
-
पत्नी:- में नहा कर बाहर आई तो सामने ससुर जी आ गये पति:- फिर तुमने क्या किया पत्नी:- करती क्या, टॉवेल उपर करके उसका घूँघट बना लिया **...
1 comment:
ॐची सोच
ॐची सोच हमेशा सोचो,
मन मैं कुनठा मत लाओ !
दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर,
मन में अटल विश्वास जगाओ !
कंकर से भी हीरा बनकर'
प्रतिभा अपनी दर्शाओ !!
ॐची सोच हमेशा -------------------
आकाश गंगा अशंख तारो में
अपना असत्तव बनाओ !
ध्रुव तारे की तरह,
गगन मंडल में जगमगाओ !!
ॐची सोच हमेशा -------------------
विपत्तियों से करो मुकबला,
कभी ना घबराओ !
प्रकृति से लो सीख,
काटो में गुलाब खिलाओ
ॐची सोच हमेशा -------------------
कभी किसी पर आस्रित होकर
निरजीव ना बन जाओ !
राख में अंगारा बन,
स्वयँ पहचान बनाओ !!
ॐची सोच हमेशा -------------------
आसहाय अपने को ना समझो,
निराशाओं को दूर भगाओ !
आशा रुपी दीप जलाकर,
कीचड में भी कमल खिलाओ !!
ॐची सोच हमेशा -------------------
पतझर से नीरस मौसम में,
बसंत रितु सा बजूद बनाओ !
चारो ओर बहारे हो,
जग में ऐसा नाम कमाओ !!
ॐची सोच हमेशा -------------------
Post a Comment