खूबसूरत है वो लब जिन पर दूसरों के लिए एक दुआ है
खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए
खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए और किसी के प्यार के रंग मे रंग जाए
खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समझे
खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो
खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से कहानियाँ
खूबसूरत है वो आँखे जिनमे कितने खूबसूरत ख्वाब समा जाएँ
खूबसूरत है वो आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जाएँ
खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए
खूबसूरत है वो कदम जो अमन और शान्ति का रास्ता तय कर जाएँ
खूबसूरत है वो सोच जिस मे पूरी दुनिया की भलाई का ख्याल आये
Thursday, November 06, 2008
Ladki Patane ke Formule
Ladki Patane ke Formule
Formula 1
Ladki ko pahle dekho aur wo jab aapke samne dekhe to use isara maro ki uske gaal par kuch hai aur jab wo gaal ko saaf kare to isare se bolo ki is gal par nahi baju ke gal hai, this is best formula in the world.
Formula 2
Ladkiyon se usi topic par baat-chit karo jis me use baat karne me maza aaye, isse wo aapse bahut samay tak baat kar sakti hai. aur aapki Dosti Pyar me bhi badal sakti hai.
Formula 3
Ladkiyan agar group me ho to aap unhe (Jinhe Patana hai) hi dekhte rahe, aisa karne se wo bhi aap ke taraf attract ho jayegi.
Formula 4
Agar Ladki ko patana hai to pahle uske pass jao, uska picha karo, us ko dekhte raho, then kuch dino baad usko ignore karna shuru kardo bus wo pareshan ho jayegi us ke baad wo khud aap mein intrest legi then u can go ahead.
Formula 5
Mere ek Dost ki 56 Girl Friend hai. usne un sabhi ko Patane ke liye jo Formula use kiya hai wo hai- "Ladkiyon se hamesha unke baare me hi baate karo". wo hamesha Ladkiyon se unke hi baare me baate karte rahta tha aur Ladkiyan Pat gai.
Ladki ko pahle dekho aur wo jab aapke samne dekhe to use isara maro ki uske gaal par kuch hai aur jab wo gaal ko saaf kare to isare se bolo ki is gal par nahi baju ke gal hai, this is best formula in the world.
Formula 2
Ladkiyon se usi topic par baat-chit karo jis me use baat karne me maza aaye, isse wo aapse bahut samay tak baat kar sakti hai. aur aapki Dosti Pyar me bhi badal sakti hai.
Formula 3
Ladkiyan agar group me ho to aap unhe (Jinhe Patana hai) hi dekhte rahe, aisa karne se wo bhi aap ke taraf attract ho jayegi.
Formula 4
Agar Ladki ko patana hai to pahle uske pass jao, uska picha karo, us ko dekhte raho, then kuch dino baad usko ignore karna shuru kardo bus wo pareshan ho jayegi us ke baad wo khud aap mein intrest legi then u can go ahead.
Formula 5
Mere ek Dost ki 56 Girl Friend hai. usne un sabhi ko Patane ke liye jo Formula use kiya hai wo hai- "Ladkiyon se hamesha unke baare me hi baate karo". wo hamesha Ladkiyon se unke hi baare me baate karte rahta tha aur Ladkiyan Pat gai.
Wednesday, September 17, 2008
तुम मेरे आस पास...
तुम मेरे आस पास, नही हो,
तुम कही नही हो.
फिर भी तुम्हारी खुश्बू,
हवओ मे घुली जा रही है.
हवा चलती है जैसे के
तुम कुछ कहे जा रही हो
तुम सामने नही हो,
मगर आँखे तुम्हे ही देखे जा रही है.
ये कसा जुनून है,
ये कसी जादूगरी है
के मैं जानता हूं,
कि ना तुम मेरी हो,
ना मै तुम्हारा
फिर भी आती जाती साँसे
तुम्हारे नाम कि लगती है.
तुम्हे पता हो शायद,
के मै तुम पर इख्तियारि समझता हूं.
तुम्हारी मुझे खबर नही मगर,
तुम अपनी दुनिया मे शायद,
गुम या भूल गयी होगी मुझे,
मेरी तनहाइया भी
तुम्हारे वजूद का एहसास दिला जाती है.
तुम कहाँ हो,
किस जहां मे हो,
जहां भी हो,
कहती है धड़कन तुम मेरी हो,
मेरे साथ हो, मेरे पास हो.
जबकि मैं जानता हूं, तुम नही हो, तुम कही नही हो.
तुम कही नही हो.
फिर भी तुम्हारी खुश्बू,
हवओ मे घुली जा रही है.
हवा चलती है जैसे के
तुम कुछ कहे जा रही हो
तुम सामने नही हो,
मगर आँखे तुम्हे ही देखे जा रही है.
ये कसा जुनून है,
ये कसी जादूगरी है
के मैं जानता हूं,
कि ना तुम मेरी हो,
ना मै तुम्हारा
फिर भी आती जाती साँसे
तुम्हारे नाम कि लगती है.
तुम्हे पता हो शायद,
के मै तुम पर इख्तियारि समझता हूं.
तुम्हारी मुझे खबर नही मगर,
तुम अपनी दुनिया मे शायद,
गुम या भूल गयी होगी मुझे,
मेरी तनहाइया भी
तुम्हारे वजूद का एहसास दिला जाती है.
तुम कहाँ हो,
किस जहां मे हो,
जहां भी हो,
कहती है धड़कन तुम मेरी हो,
मेरे साथ हो, मेरे पास हो.
जबकि मैं जानता हूं, तुम नही हो, तुम कही नही हो.
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गीत और कविता
Tuesday, August 19, 2008
बहुत मुश्किलो के बाद ...
बहुत मुश्किलो के बाद,
अब जाकर कही पाया है तुझे...
कितने इम्तिहानो के बाद,
अब जाकर कही तेरे जैसा साथी मिला है मुझे...
कितने झोके आए,
कितने झोके गये,
पर एक पल के लिए भी,
एक दूजे का हाथ ये,
हालात छूटा नही पाए...
अब मत जुड़ा होना मुझसे कभी,
कही तक कर हार ना जाए,
तेरा ये आशिक़ कभी...
पहले ही बहुत बार सता चुकी हो तुम,
मुझसे दूर जाकर बहुत तडपा चुकी हो तुम,
अब ना जाना मुझसे दूर कभी,
ए हमनशीं ये दिल,
और जुदाई से नही पाएगा...
माना जुदाई के बाद मिलन का,
सुकून ही कुछ और होता है,
मगर वो दो पल की जुदाई,
भी मेरा दिल अब से नही पाएगा...
तुझसे जुड़ा होते ही अब,
तेरे आशिक़ का दूं टूट जाएगा...
अब जाकर कही पाया है तुझे...
कितने इम्तिहानो के बाद,
अब जाकर कही तेरे जैसा साथी मिला है मुझे...
कितने झोके आए,
कितने झोके गये,
पर एक पल के लिए भी,
एक दूजे का हाथ ये,
हालात छूटा नही पाए...
अब मत जुड़ा होना मुझसे कभी,
कही तक कर हार ना जाए,
तेरा ये आशिक़ कभी...
पहले ही बहुत बार सता चुकी हो तुम,
मुझसे दूर जाकर बहुत तडपा चुकी हो तुम,
अब ना जाना मुझसे दूर कभी,
ए हमनशीं ये दिल,
और जुदाई से नही पाएगा...
माना जुदाई के बाद मिलन का,
सुकून ही कुछ और होता है,
मगर वो दो पल की जुदाई,
भी मेरा दिल अब से नही पाएगा...
तुझसे जुड़ा होते ही अब,
तेरे आशिक़ का दूं टूट जाएगा...
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गीत और कविता
Wednesday, August 06, 2008
अगले जनम में ...
अगले जनम में भी इतनी अच्छी रहे वो...
इतना सा बदल जाये मुझे अपना कहे वो
दुनिया का दर्द हो तो आँसू चाहे बहे वो
जब उस का दुख मिले आँखों में रहे वो
मैं सागर बन जायूं वो लहर नदी की..
साहिल साहिल शाम सहर साथ बहे वो
ये सिफ़त कायम रहे दिल उसका पढ़ सकूँ
कुछ भी ना सुनू मैं कुछ भी ना कहे वो
इस जनम मेरे दिल में है अगले जनम में
दिल में भी रहे वो मेरे घर भी रहे वो
इस बार की मुहब्बत तो मेरी ख़ाता है
जब प्यार करूँ मैं क्यों दर्द सहे वो
उस बात का चाहे मानी कोई ना हो
कभी कानो में मेरे इक बात कहे वो
इतना सा बदल जाये मुझे अपना कहे वो
दुनिया का दर्द हो तो आँसू चाहे बहे वो
जब उस का दुख मिले आँखों में रहे वो
मैं सागर बन जायूं वो लहर नदी की..
साहिल साहिल शाम सहर साथ बहे वो
ये सिफ़त कायम रहे दिल उसका पढ़ सकूँ
कुछ भी ना सुनू मैं कुछ भी ना कहे वो
इस जनम मेरे दिल में है अगले जनम में
दिल में भी रहे वो मेरे घर भी रहे वो
इस बार की मुहब्बत तो मेरी ख़ाता है
जब प्यार करूँ मैं क्यों दर्द सहे वो
उस बात का चाहे मानी कोई ना हो
कभी कानो में मेरे इक बात कहे वो
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शायरी
तेरी आँखों मे ...
तेरी आँखों मे मेरे ख्वाब नज़र आते हैं, जब भी मैं कुछ कहूँ तो बस तेरे ही अल्फाज़ नज़र आते हैं,
ये कोई तिलिस्म है या बस हमारे रिश्ता,
की मेरी हर धड़कन मे तेरे ही साज नज़र आते हैं,
तुझसे मैं हूँ या मुझमे हो तुम बसी,
मेरी साँसों से जुड़े तेरे दिल के तार नज़र आते है,
जब भी ये आँसू मेरी आँखों को सताते हैं,
तेरे आँचल की ठंढक से मेरी मुस्कान नज़र आते है,
तुम्हे मैं माँ कहूँ या बस एक ठंडी हवा,
की मेरे सारे दर्द तेरी पनाह मे घुल जाते हैं,
तेरी आँखों मे मेरे ख्वाब नज़र आते हैं...............................
ये कोई तिलिस्म है या बस हमारे रिश्ता,
की मेरी हर धड़कन मे तेरे ही साज नज़र आते हैं,
तुझसे मैं हूँ या मुझमे हो तुम बसी,
मेरी साँसों से जुड़े तेरे दिल के तार नज़र आते है,
जब भी ये आँसू मेरी आँखों को सताते हैं,
तेरे आँचल की ठंढक से मेरी मुस्कान नज़र आते है,
तुम्हे मैं माँ कहूँ या बस एक ठंडी हवा,
की मेरे सारे दर्द तेरी पनाह मे घुल जाते हैं,
तेरी आँखों मे मेरे ख्वाब नज़र आते हैं...............................
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गीत और कविता
Friday, July 25, 2008
शहर की इस दौड़ में...
शहर की इस दौड़ में दौड़ के करना क्या है?
जब यही जीना है दोस्तों तो फ़िर मरना क्या है?
पहली बारिश में ट्रेन लेट होने की फ़िक्र है
भूल गये भीगते हुए टहलना क्या है?
सीरियल्स् के किर्दारों का सारा हाल है मालूम
पर माँ का हाल पूछ्ने की फ़ुर्सत कहाँ है?
अब रेत पे नंगे पाँव टहलते क्यूं नहीं?
108 हैं चैनल् फ़िर दिल बहलते क्यूं नहीं?
इन्टरनैट से दुनिया के तो टच में हैं,
लेकिन पडोस में कौन रहता है जानते तक नहीं.
मोबाइल, लैन्डलाइन सब की भरमार है,
लेकिन जिग्ररी दोस्त तक पहुँचे ऐसे तार कहाँ हैं?
कब डूबते हुए सुरज को देखा त, याद है?
कब जाना था शाम का गुज़रना क्या है?
तो दोस्तों शहर की इस दौड़ में दौड़् के करना क्या है
जब् यही जीना है तो फ़िर मरना क्या है !!!
जब यही जीना है दोस्तों तो फ़िर मरना क्या है?
पहली बारिश में ट्रेन लेट होने की फ़िक्र है
भूल गये भीगते हुए टहलना क्या है?
सीरियल्स् के किर्दारों का सारा हाल है मालूम
पर माँ का हाल पूछ्ने की फ़ुर्सत कहाँ है?
अब रेत पे नंगे पाँव टहलते क्यूं नहीं?
108 हैं चैनल् फ़िर दिल बहलते क्यूं नहीं?
इन्टरनैट से दुनिया के तो टच में हैं,
लेकिन पडोस में कौन रहता है जानते तक नहीं.
मोबाइल, लैन्डलाइन सब की भरमार है,
लेकिन जिग्ररी दोस्त तक पहुँचे ऐसे तार कहाँ हैं?
कब डूबते हुए सुरज को देखा त, याद है?
कब जाना था शाम का गुज़रना क्या है?
तो दोस्तों शहर की इस दौड़ में दौड़् के करना क्या है
जब् यही जीना है तो फ़िर मरना क्या है !!!
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गीत और कविता
Monday, June 30, 2008
कतरा कतरा आंसू - Katra Katra Aansoo
कतरा कतरा आंसू - Katra Katra Aansoo
कतरा कतरा आंसू बहेते रहे,
और हम उन्हे सूखा ना पाए,
इस से बड़ी वफ़ा की मिशाल क्या होगी,
वो रोए हमसे लिपटकर किसी और के लिए,
और हम मना भी ना कर पाए.......
*******************************
जान से भी ज़्यादा उन्हे प्यार किया करते थे,
याद उन्हे दिन रात किया करते थे,
अब उन राहो से गुज़रा नही जाता,
जहां बैठ कर उनका इंतेज़ार किया करते थे.!
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गीत और कविता
अंधेरों में चमकता - Andhero mein Chamakta
अंधेरों में चमकता - Andhero mein Chamakta
अंधेरों में चमकता जो सितारा ढूँढ लेते हैं
गमों में भी वो खुशियों का सहारा ढूँढ लेते हैं
कि जिनके दिल में है हरदम जुनूं हाँ जीतने का बस
वो हर तूफान में अपना किनारा ढूँढ लेते हैं
पता हमने कभी ना आँसुओं को भी दिया अपना
न जाने फिर वो कैसे घर हमारा ढूँढ लेते हैं
ये उनकी बादशाहत है या समझूँ मैं हकीकत ही
कि खुद में ही खुदा का वो नज़ारा ढूँढ लेते हैं
मेरी जो मुस्कुराहट गुम हुई तो मिल नहीं पाई
चलो आओ जरा उसको दुबारा ढूँढ लेते हैं
हमें अब पड़ गई आदत है अद्भुत फाकामस्ती की
हमारा क्या, कहीं भी हम, गुजारा ढूँढ लेते हैं......
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गीत और कविता
उस को मेरा हल्का सा - Usko mera Halka Sa
उस को मेरा हल्का सा - Usko mera Halka Sa
उस को मेरा हल्का सा एहसास तो है
बे-दर्द सही वो मेरी हमराज़ तो है.........
वो आए ना आए मेरे पास लेकिन
शिद्दत से मुझे उसका इंतेज़ार तो है.........
अभी नहीं तो क्या हुआ मिल ही जाएगी कभी
मेरे दिल में उस से मिलन की आस तो है.......
प्यार की गवाही मेरे आँसुओं से ना माँग
बरसती नहीं आँखें मगर दिल उदास तो है........
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गीत और कविता
Saturday, May 24, 2008
कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन
कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन
बचपन आए ना वापस जाके,निवेदन मत पिता से है एक,
अपने लिए बच्चो का बचपन
ना च्हिनो , फिर लौट के ना आएगा
हमने खोया है उनका तो ना लूटे.,
अपने लिए मत भेजो शाला मे
खेलने दो उन्हे पढ़ने के साथ
कोई पूछे तो मत सरमाओ
शाला का नाम बताने मे
चाहे छोटी ही भले ना हो शाला
कम नंबर आए तो दाँतो मत
क्लास मे हर कोई नंबर 1 नाही होता
हर कोई अंबानी नाही होता
बहोत से इंसान भी होते है
इंसान बन जाए मुस्कुराना
सीख जाए ,मुस्कान उनकी
सब गम पिघला देती है
ना लूटो बचपन बच्चो का
आज हम गाते है .कल वो ना गाए
कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन
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गीत और कविता
Wednesday, May 21, 2008
हम भी अगर क्रिकेटर होते
Hum bhi agar crickter hote
हम भी अगर क्रिकेटर होते
हम भी अगर क्रिकेटर होते
हम भी अगर क्रिकेटर होते नाम जंबो ,वॉल हमरे भी होते
दाम इन जैसे हम पर भी लगते
हम भी अगर क्रिकेटर होते
बोलियाँ हम पर भी लगते
माल्या , शारुख, अंबानी लड़ते
मूशकूराती प्रीति हमे खरीद ते
हम भी अगर क्रिकेटर होते
बांधते गले मे नामके इनके पत्ते
धूप मे नेहा नाचती हम खेलते
अंगो को नेहा के लोग देखते
छा के चौके ना कोई देखते
हम भी अगर क्रिकेटर होते
लोग नाच देखने है आते
करे क्या बंधना है जो पत्ता
देखे ना देखे डालना है जो पत्ता
हम भी अगर क्रिकेटर होते
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गीत और कविता
Sunday, April 06, 2008
मल्लिका को किसने किया किस?
एक बार अटल बिहारी , मुशर्रफ , मल्लिका शेरावत और मार्गरेट थेचर , एक साथ ट्रेन में सफर कर रहे थे। ट्रेन एक सुरंग के अंदर से गुजरी , घना अंधेरा छा गया। अटल को पता नही क्या सूझी , उसने अपने हाथ को चूमकर एक जोरदार आवाज निकाली और एक जोरदार झापड़ मुशर्रफ के रसीद कर दिया। सभी ने झापड़ की आवाज़ को सुना। ट्रेन जब सुरंग से बाहर निकली , सबने देखा , मुशर्रफ अपने गाल को सहला रहा था , सभी ने अलग अलग सोचा : -
मुशर्रफ सोच रहा था : अटल ने मल्लिका को किस किया होगा , गलती से झापड़ मुझे पड़ गया।
मल्लिका सोच रही थी : हो सकता है मुशर्रफ ने मेरे को किस करने के चक्कर मे मार्गरेट थैचर को किस कर दिया हो इसलिए पिटा।
मार्गरेट सोच रही थीं : ये मुशर्रफ भी ना , गलत जगह हाथ डाल देता है , मुझे किस करता तो , कम से कम , झापड़ तो ना पड़ता ।
अटल सोच रहे थे : अगली बार सुरंग आएगी तो फिर से करूंगा।
मुशर्रफ सोच रहा था : अटल ने मल्लिका को किस किया होगा , गलती से झापड़ मुझे पड़ गया।
मल्लिका सोच रही थी : हो सकता है मुशर्रफ ने मेरे को किस करने के चक्कर मे मार्गरेट थैचर को किस कर दिया हो इसलिए पिटा।
मार्गरेट सोच रही थीं : ये मुशर्रफ भी ना , गलत जगह हाथ डाल देता है , मुझे किस करता तो , कम से कम , झापड़ तो ना पड़ता ।
अटल सोच रहे थे : अगली बार सुरंग आएगी तो फिर से करूंगा।
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चुटकुले
Wednesday, March 19, 2008
होली के रंग
अनेक रंग है इस पर्व के, अनेक रंग समेटे है ये
त्योहार है ये रंगों का, अनेक रंग समेटे है ये
पर्व ये ऐसा जब रंग सारे खिलते है,
बैर और दुश्मनी के दंभ सारे धुलते हैं,
बहता है रंग जो चहुं ओर
मित्रता के संगत बनते हैं
पर्व ये ऐसा जब रंग सारे खिलते है,
प्रीत की रीत के परिणय बनते हैं,
होती है मादकता हर ओर
प्रेम के मधुर पग बढ़ते हैं
पर्व ये ऐसा जब रंग सारे खिलते हैं,
जीवन पे पसरी नीरसता मिटती है,
होती है प्रसन्नता सभी ओर
नयी उमंग में सब संग बढ़ते है
अनेक रंग है इस पर्व के, अनेक रंग समेटे है ये
त्योहार है ये रंगों का, अनेक रंग समेटे है ये
त्योहार है ये रंगों का, अनेक रंग समेटे है ये
पर्व ये ऐसा जब रंग सारे खिलते है,
बैर और दुश्मनी के दंभ सारे धुलते हैं,
बहता है रंग जो चहुं ओर
मित्रता के संगत बनते हैं
पर्व ये ऐसा जब रंग सारे खिलते है,
प्रीत की रीत के परिणय बनते हैं,
होती है मादकता हर ओर
प्रेम के मधुर पग बढ़ते हैं
पर्व ये ऐसा जब रंग सारे खिलते हैं,
जीवन पे पसरी नीरसता मिटती है,
होती है प्रसन्नता सभी ओर
नयी उमंग में सब संग बढ़ते है
अनेक रंग है इस पर्व के, अनेक रंग समेटे है ये
त्योहार है ये रंगों का, अनेक रंग समेटे है ये
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गीत और कविता
Thursday, March 13, 2008
Tuesday, February 19, 2008
ट्रक ड्राइवरों के शेर और वाक्य
"आगे वाला कभी भी खड़ा हो सकता है।"
"तेरह के फूल सत्रह की माला, बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला।"
"बुरी नजर वाले तेरे बच्चे जियें, बड़े होकर तेरा खून पियें।"
"पहले जय शंकर की बोलो, फिर दरवाजा खोलो"
"हम तो दरिया हैं समंदर में जायेंगे
चमचों का क्या होगा वो कहां जायेंगे"
"मालिक तो महान है, चमचों से परेशान है"
"देता है रब, जलते हैं सब"
"मालिक की गाड़ी, ड्राइवर का पसीना
चलती है रोड पर बनकर हसीना"
"तेरह के फूल सत्रह की माला, बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला।"
"बुरी नजर वाले तेरे बच्चे जियें, बड़े होकर तेरा खून पियें।"
"पहले जय शंकर की बोलो, फिर दरवाजा खोलो"
"हम तो दरिया हैं समंदर में जायेंगे
चमचों का क्या होगा वो कहां जायेंगे"
"मालिक तो महान है, चमचों से परेशान है"
"देता है रब, जलते हैं सब"
"मालिक की गाड़ी, ड्राइवर का पसीना
चलती है रोड पर बनकर हसीना"
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Wednesday, February 06, 2008
प्यार
जब भौंरे ने आकर पहले पहले गाया
कली मौन थी। नहीं जानती थी वह भाषा
इस दुनिया की, कैसी होती है अभिलाषा
इस से भी अनजान पड़ी थी। तो भी आया
जीवन का यह अतिथि, ज्ञान का सहज सलोना
शिशु, जिस को दुनिया में प्यार कहा जाता है,
स्वाभिमान-मानवता का पाया जाता है
जिस से नाता। उस में कुछ ऐसा है टोना
जिस से यह सारी दुनिया फिर राई रत्ती
और दिखाई देने लगती है। क्या जाने
कौन राग छाती से लगता है अकुलाने,
इंद्रधनुष सी लहराती है पत्ती पत्ती।
बिना बुलाए जो आता है प्यार वही है।
प्राणों की धारा उस में चुपचाप बही है।
कली मौन थी। नहीं जानती थी वह भाषा
इस दुनिया की, कैसी होती है अभिलाषा
इस से भी अनजान पड़ी थी। तो भी आया
जीवन का यह अतिथि, ज्ञान का सहज सलोना
शिशु, जिस को दुनिया में प्यार कहा जाता है,
स्वाभिमान-मानवता का पाया जाता है
जिस से नाता। उस में कुछ ऐसा है टोना
जिस से यह सारी दुनिया फिर राई रत्ती
और दिखाई देने लगती है। क्या जाने
कौन राग छाती से लगता है अकुलाने,
इंद्रधनुष सी लहराती है पत्ती पत्ती।
बिना बुलाए जो आता है प्यार वही है।
प्राणों की धारा उस में चुपचाप बही है।
Wednesday, January 02, 2008
मुझे गम नहीँ...
मुझे गम नहीँ जो नींद ना मयस्सर हो
मेरे मौला मुझे ख्वाबों से रिहा कर दे
हक़ीक़त और तसवउर के दरमीयाँ घुटन सी है
जिसे पाने की हसरत हो उसे नज़र से निहान कर दे
इतना कंज़रफ़ ओ मगरूर हूँ की कह नही सकता
मुझे आगोश मे भर ज़िंदगी की ईशा कर दे
तेरी कायनात में पाने खोने का दस्तूर है
मुट्ठी में बंद तक़दीर को मेरी , हवा कर दे
जो कह ना सका यक़ीनन तू समझ जाएगा
मेरी इल्टीजा मान अपना फरमान बयान कर दे
हर गुज़रता लम्हा मेरे होश ले रहा है
ठहरे हुए एहसास हैं उन्हे रवान कर दे
मेरे मौला मुझे ख्वाबों से रिहा कर दे
हक़ीक़त और तसवउर के दरमीयाँ घुटन सी है
जिसे पाने की हसरत हो उसे नज़र से निहान कर दे
इतना कंज़रफ़ ओ मगरूर हूँ की कह नही सकता
मुझे आगोश मे भर ज़िंदगी की ईशा कर दे
तेरी कायनात में पाने खोने का दस्तूर है
मुट्ठी में बंद तक़दीर को मेरी , हवा कर दे
जो कह ना सका यक़ीनन तू समझ जाएगा
मेरी इल्टीजा मान अपना फरमान बयान कर दे
हर गुज़रता लम्हा मेरे होश ले रहा है
ठहरे हुए एहसास हैं उन्हे रवान कर दे
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