हम से दूर जाओगे कैसे,
दिल से हमे भुलाओगे कैसे,
हम तो वो ख़ुश्बू हैं जो आपकी
साँसों में बसते हैं
ख़ुद की सांसो को रोक पाओगे कैसे
***********************************
हर बार दिल से यह पैगाम आए
ज़ुबान खोलू तो तेरा ही नाम आए
तुम ही क्यों भाए दिल को क्या मालूम
जब नज़रों के सामने हसीन तमाम आए!
दिल से हमे भुलाओगे कैसे,
हम तो वो ख़ुश्बू हैं जो आपकी
साँसों में बसते हैं
ख़ुद की सांसो को रोक पाओगे कैसे
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हर बार दिल से यह पैगाम आए
ज़ुबान खोलू तो तेरा ही नाम आए
तुम ही क्यों भाए दिल को क्या मालूम
जब नज़रों के सामने हसीन तमाम आए!
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