पंछीयो की तरह एक दिन दूर चले जाएँगे
साथ बिताए हर एक पल को समेट ले जाएँगे
देख कर नमी आपकी झील सी आँखों में
सिर्फ़ सुनहरी यादें छोड जाएँगे
होठ है छलकता ज़ाम,
निगाहें है जैसे नशे की प्याली,
ज़ुल्फ है जैसे घटा निराली,
ए हसीना,तेरी सूरत है भोली भली,
संभाल के रखना इसे,
वरना चुरा ना ले जाए कही,
तेरी हे गली का मवाली..
कौन जाने कब मौत का पैगाम आ जाए,
ज़िंदगी की आखरी शाम आ जाए,
हम तो ढूँढते हैं वक़्त ऐसा जब,
हमारी ज़िंदगी आपके काम आ जाए.
साथ बिताए हर एक पल को समेट ले जाएँगे
देख कर नमी आपकी झील सी आँखों में
सिर्फ़ सुनहरी यादें छोड जाएँगे
होठ है छलकता ज़ाम,
निगाहें है जैसे नशे की प्याली,
ज़ुल्फ है जैसे घटा निराली,
ए हसीना,तेरी सूरत है भोली भली,
संभाल के रखना इसे,
वरना चुरा ना ले जाए कही,
तेरी हे गली का मवाली..
कौन जाने कब मौत का पैगाम आ जाए,
ज़िंदगी की आखरी शाम आ जाए,
हम तो ढूँढते हैं वक़्त ऐसा जब,
हमारी ज़िंदगी आपके काम आ जाए.
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