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Tuesday, May 08, 2007

इंतज़ार ....

1. तेरे सजदे में मैं देर से आया,
और दुआएं सब माँग चुके थे,
तेरी रेहमात की बारिश ख़ूब हुई
लेकिन,
मेरे हिस्से के बदल सुख चुके थे.

2. तुम ना चाहो किसी को यह
तो मुमकिन है मगर,
कोई तुम्हे ना चाहे,
इस पेर तेरा इख़्तियार नही.

3. ना चाहो किसी को इतना
की वो तुम्हारा खुदा हो जाए,
ना जिया जा सके उसके बिना
गर वो तुमसे जुदा हो जाए.

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