सिर्फ़ तुम्हारे लिए
मुझे बस इतना कहना है
कभी मैं याद आऊँ तो
कभी तन्हाई की रातें
तुम्हें ज़्यादा सताएं तो
कभी तितली ना बूलाय तो
और जुगनू लौट जाए तो
कभी जब दिल भी भर जाए
कोई जब सुन ना पाए तो
अगर सब दोस्त साथी भी
जो तुम से रूठ जाएँ तो
कभी जब ख़ुद से लड़ लड़ कर
थकान से चूर हो जाओ
कभी चाहते हुए भी ख़ुद अकेले
रो ना पाओ तो
अपनी आँखों को बंद करना
मुझे आवाज़ दे देना
और फिर मेराय तसवउर से
जो चाहो बातें केह देना
मेराय काँधे पे सिर रख कर
तुम जितना चाहो रो लेना
फिर ख़ुद मैं जब लौट जाओ तो
उस ही दुनिया चले जाना
मगर बस इतना कहना है
के जब भी दुख या ख़ुशियों मैं
हमें दिल से पुकरोगे
हमें तुम साथ पाओ गे ...
मुझे बस इतना कहना है
कभी मैं याद आऊँ तो
कभी तन्हाई की रातें
तुम्हें ज़्यादा सताएं तो
कभी तितली ना बूलाय तो
और जुगनू लौट जाए तो
कभी जब दिल भी भर जाए
कोई जब सुन ना पाए तो
अगर सब दोस्त साथी भी
जो तुम से रूठ जाएँ तो
कभी जब ख़ुद से लड़ लड़ कर
थकान से चूर हो जाओ
कभी चाहते हुए भी ख़ुद अकेले
रो ना पाओ तो
अपनी आँखों को बंद करना
मुझे आवाज़ दे देना
और फिर मेराय तसवउर से
जो चाहो बातें केह देना
मेराय काँधे पे सिर रख कर
तुम जितना चाहो रो लेना
फिर ख़ुद मैं जब लौट जाओ तो
उस ही दुनिया चले जाना
मगर बस इतना कहना है
के जब भी दुख या ख़ुशियों मैं
हमें दिल से पुकरोगे
हमें तुम साथ पाओ गे ...
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