हमारे जज़्बात का उनको फ़र्क पड़ता नही..
हमारी किसी बात से भी शायद उनको इत्ततीफ़ाक़ नही.
हम ये जानकार भी उम्मीद किया करतें है
उनके होठो पर किसी और का नाम नही.
दिल तड़प उठता है जब भी कुछ अलग होता है
आग लग जाती है पर होती कहीं पर राख नही..
वो टस्सववूर मे हमारे तो नही रहतें हैं
शायद उनको किसी अपने पेर ऐतबार नही...
क्या पैमाना है किसी को पहचानने का.
जो साथ चलतें हैं तुम्हारे वो मेहमान नही.
साथ होगा वहाँ तक जहाँ तक तुम चाहोगे
बात ये ख़ुदगार्ज़ी की है ये बात तो प्यार नही.
हमें तेरी वफ़ा की ज़रूरत तो है
पर तेरी मर्ज़ी का मेरे अरमानो से कोई साथ नही.
में कशमकश में हूँ की जाने क्या होगा
फिर भी ये जानता हूँ की तू मेरे तम्मना का कदरदान नही.
Tuesday, May 08, 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Popular Posts
-
तीन गांडू एक दूसरे की गान्ड मार रहे थे,अचानक पुलिस का छापा पड़ गया , एक को पुलिस पकड़ कर ले गयी, दूसरा भाग गया और तीसरा यह चुटकुला पढ़ रहा ह...
-
एक बिहारी महिला चेक भुनाने गई। क्लर्क: हस्ताक्षर कर दो। महिला: कैसे? क्लर्क: जैसे आप पत्र के अंत में लिखते हैं। महिला ने लिखा: " आपके च...
-
प्लेटफार्म पर एक औरत को इतनी ज़ोर से हिचकी आयी के उसकी सलवार उतर गयी.. वो मुस्कुराके बोली.. "आज तो याद करने वाले ने हद ही कर दी...
-
रमेश: सुना है लाॅक डाउन में घरेलू हिंसा के मामले ..... काफी बढ़ गये है, तुम्हारे यहां क्या हाल है? सुरेश: हम तो टाइम से बर्तन, झाड़ू, प...
-
चूहा पार्टी में 4 पैग लगाकर मस्त था। बिल्ली बोली :- आज पार्टी ना होती तो मैं तुझे खा जाती। चूहा :- चली जा साली, वर्ना लोग कहेंगे नशे मे...
-
एक कर्मचारी ने देखा कि उसका बॉस कार के अंदर एक लड़की का गेम बजा रहा है। कर्मचारी —” वाह सर…अकेले अकेले…..हमारा नंबर कब आएगा ?? “ बॉस —” इस ...
No comments:
Post a Comment