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Monday, May 14, 2007

दू घूँटो पनिओ नाहि मिलल

दू घूँटो पनिओ के खातिर नटई सूख गईल
केहू दिलदार नईखे मिलल,जे कुअवा क डगर देखावे।
कहे के त? सब आपन बाड. ई बेदरदी दुनिया से
का उम्मीद कईल जाईल।
दू घूँटो.................

खटिया पड. पडल बानी, मेहरारू अऊर लईका काहे के पूछे
पनिओ लागल जईसे समुंदर क मथाई से निकलल अमरित हो गईल।
दू घूँटो....................

आज के जुग के पनिओ मिलल मुक्कदर हो गईल
बिसलेरी क पनिओ कीनब, गरीबन के सोना हो गईल।
दू घूँटो...................................


कमलेश कुमार चौधरी

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